एमपी का सियासी ड्रामा भाग-2 बेंगलुरु में / कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज की, इसमें कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने की मांग की गई थी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज कर दी है। बुधवार को दिग्विजय ने बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने से रोके जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि कर्नाटक पुलिस को आदेश दें कि मुझे बागी विधायकों से मिलने दिया जाए। हाईकोर्ट ने ऐसा कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया। 


दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस से बागी हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायक 10 दिन से बेंगलुरु में हैं। फ्लोर टेस्ट को लेकर जारी घमासान के बीच कांग्रेस अब बागियों को मनाने की कोशिश में है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्री भी बेंगलुरु पहुंच गए। लेकिन कर्नाटक पुलिस ने उन्हें रमादा होटल के बाहर ही रोक दिया। इसके बाद सभी कांग्रेस नेता सड़क पर धरने पर बैठ गए।


कमलनाथ ने पुलिस की कार्रवाई को हिटलरशाही बताया


पुलिस ने दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया समेत करीब 10 कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। दिग्विजय ने कहा- अब वे थाने में भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने विधायकों से मिलने से रोकने के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस की कार्रवाई को हिटलरशाही बताया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं भी उन विधायकों से मिलने बेंगलुरु जाऊंगा।


मेरे पास न बम है, न पिस्तौल, फिर क्यों रोका: दिग्विजय


दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। भाजपा नेता अरविंद भदौरिया और कुछ गुंडे अंदर हैं। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में न बम है, न पिस्तौल और न ही कोई हथियार है। फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है। मुझे मिलवा दें, उसके बाद चला जाऊंगा। इसमें क्या परेशानी है।’’


‘मैं भाजपा के राज में पुलिस से नहीं डरता’


पुलिस हिरासत में दिग्विजय ने कहा, ''बेंगलुरु में तो भाजपा की सरकार है। पुलिस भी उन्हीं के इशारे पर काम कर रही है। मुझे तो भाजपा के राज में भी उनकी पुलिस के बीच डर नहीं लग रहा। लेकिन भाजपा नेताओं को किस बात का डर है, क्या वे खुद अपनी पुलिस से डर रहे हैं? मैं यहां गांधीवादी तरीके से अपने विधायकों से मिलने आया हूं। उम्मीद है कि वे जल्द लौट जाएंगे। 5 विधायकों से मेरी बात हुई तो उन्होंने बंधक होने की जानकारी दी। होटल में 27 घंटे पुलिस का पहरा है। विधायकों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।''



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